8th Pay Commission Update: अब लगातार इतने दिन की छुट्‌टी करने पर सरकारी कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी, जानिए पूरी जानकारी

8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से पहले केंद्र सरकार की ओर से सेवा नियमों में सख्ती की तैयारी की जा रही है। अब यदि कोई सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के लगातार कई दिनों तक छुट्‌टी पर रहता है, तो उसकी नौकरी पर संकट आ सकता है। इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है और जल्द ही यह नया नियम लागू किया जा सकता है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।

केंद्र सरकार लंबे समय से ऐसे मामलों को लेकर गंभीर है, जहां कर्मचारी बिना सूचना के छुट्‌टी पर चले जाते हैं और महीनों तक ड्यूटी पर वापस नहीं लौटते। इससे न केवल सरकारी कार्य बाधित होता है, बल्कि अनुशासनहीनता भी बढ़ती है। ऐसे में नियमों को और सख्त किया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों में जवाबदेही और समय पर कार्यस्थल पर उपस्थित रहने की भावना विकसित हो।

क्या है नया प्रस्ताव और कितने दिनों की छुट्‌टी के बाद नौकरी पर संकट?

सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा यह प्रस्ताव तैयार किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना पूर्व स्वीकृति के लगातार 100 दिन या उससे अधिक समय तक छुट्‌टी पर रहता है, तो उसे सेवा से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

यह नियम पहले से मौजूद “डिसऑर्डरली बिहेवियर” की श्रेणी में आता है, लेकिन अब इसे और स्पष्ट रूप से लागू करने और सभी विभागों में एक समान नीति के तहत सख्ती से लागू करने की योजना बनाई गई है।

कर्मचारी की छुट्‌टी की अवधि यदि 100 दिनों से अधिक हो जाती है और वह बिना कारण व प्रमाण के कार्यालय से अनुपस्थित रहता है, तो विभागीय जांच के बाद उसकी नौकरी समाप्त की जा सकती है।

8th Pay Commission से पहले क्यों की जा रही है यह सख्ती?

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें आने से पहले सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता और जवाबदेही को लेकर किसी प्रकार की ढिलाई न हो। सरकार इस बार वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ सेवा नियमों को भी और सख्त करने की दिशा में काम कर रही है।

वेतन वृद्धि केवल एक लाभ नहीं, बल्कि इसके बदले में कर्मचारी की जिम्मेदारी, उत्पादकता और अनुशासन भी बढ़ाना अनिवार्य है। इसीलिए नई सेवा शर्तों पर विचार किया जा रहा है।

किस तरह की छुट्टियां होंगी मान्य और किस पर होगी कार्रवाई?

  • मेडिकल छुट्‌टी (यदि प्रमाणित हो)
  • मातृत्व अवकाश
  • पूर्व स्वीकृति प्राप्त छुट्‌टी
  • आकस्मिक अवकाश (सीमित अवधि तक)

इन सभी छुट्टियों को नियमों के अनुसार मान्यता प्राप्त है। लेकिन यदि कोई कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना या अनुमति के लंबे समय तक गायब रहता है, तो यह ‘ड्यूटी से पलायन’ की श्रेणी में आएगा, और उस पर कार्रवाई हो सकती है।

इससे किन कर्मचारियों पर पड़ेगा असर?

यह नियम सभी केंद्र सरकार के विभागों, मंत्रालयों, रेलवे, डाक विभाग, रक्षा सेवाओं और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में कार्यरत स्थायी व अस्थायी कर्मचारियों पर लागू हो सकता है।

राज्य सरकारें भी इस नियम को अपनाने पर विचार कर सकती हैं, जिससे पूरे देश में सरकारी कार्यप्रणाली और अनुशासन को एक नई दिशा मिल सके।

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8th Pay Commission Update (FAQs)

प्र.1: क्या छुट्टी लेने से पहले अनुमति लेना जरूरी है?
उत्तर: हां, कोई भी लंबी या आकस्मिक छुट्टी लेने से पहले सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति के ली गई छुट्‌टी अवैध मानी जाती है।

प्र.2: अगर कोई मेडिकल कारण से छुट्‌टी पर है, तो क्या उसकी नौकरी पर असर पड़ेगा?
उत्तर: नहीं, यदि मेडिकल प्रमाणपत्र के साथ छुट्टी ली गई है और विभाग को सूचित किया गया है, तो वह छुट्टी मान्य होती है।

प्र.3: क्या यह नियम सभी स्तर के कर्मचारियों पर लागू होगा?
उत्तर: हां, यह नियम समूह A, B, C, और D के सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू हो सकता है।

8th Pay Commission Update निष्कर्ष

8th Pay Commission के आने से पहले केंद्र सरकार कर्मचारियों की कार्य संस्कृति को सुधारने और सरकारी कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है। लंबे समय तक बिना सूचना के छुट्‌टी पर रहना अब सिर्फ एक अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि नौकरी जाने का कारण भी बन सकता है।

इसलिए सभी सरकारी कर्मचारियों को चाहिए कि वे सेवा नियमों का पालन करें, समय पर उपस्थित रहें और यदि किसी कारणवश छुट्‌टी लेनी हो तो विधिवत रूप से आवेदन कर अनुमति प्राप्त करें। यह न केवल सेवा में स्थायित्व सुनिश्चित करेगा, बल्कि भविष्य में वेतन आयोग से मिलने वाले लाभ भी जारी रहेंगे।