NEET UG Cut Off Marks:राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) भारत में मेडिकल और डेंटल कोर्स में प्रवेश के लिए सबसे प्रमुख और एकमात्र प्रवेश परीक्षा है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, और इसके परिणाम के बाद सभी वर्गों के लिए अलग-अलग कट ऑफ मार्क्स जारी किए जाते हैं। यह कट ऑफ मार्क्स यह तय करते हैं कि किसी छात्र को सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलेगा या नहीं। 2025 की नीट यूजी परीक्षा संपन्न होने के बाद अब सभी छात्रों की नजरें कट ऑफ लिस्ट पर टिकी हुई थीं, जिसे अब अधिकारिक रूप से जारी कर दिया गया है। आइए विस्तार से समझते हैं कि इस बार का कट ऑफ मार्क्स क्या है और यह पिछले वर्षों से कैसे अलग है।
NEET UG कट ऑफ क्यों होता है महत्वपूर्ण?
नीट यूजी कट ऑफ मार्क्स उन न्यूनतम अंकों को दर्शाते हैं जिन्हें पार करना आवश्यक होता है ताकि छात्र काउंसलिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया में आगे बढ़ सकें। हर साल यह कट ऑफ उम्मीदवारों की संख्या, परीक्षा की कठिनाई स्तर, और उपलब्ध सीटों के आधार पर तय होता है। कट ऑफ को जानना छात्रों को यह समझने में मदद करता है कि वे किस प्रकार की काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए योग्य हैं और उन्हें आगे की योजना कैसे बनानी चाहिए।
कट ऑफ मार्क्स को केवल एक योग्यता मानदंड नहीं माना जाना चाहिए बल्कि यह छात्रों को आत्ममूल्यांकन का एक अवसर भी देता है। यह उन्हें यह जानने में मदद करता है कि उन्होंने प्रतियोगिता में कहां तक सफलता प्राप्त की है।
2025 के लिए NEET UG कट ऑफ मार्क्स – विस्तृत विवरण
2025 के लिए नीट यूजी परीक्षा की कट ऑफ मार्क्स सभी वर्गों के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा घोषित की गई है। नीचे दी गई सारणी में वर्गवार कट ऑफ स्कोर, क्वालिफाइंग प्रतिशताइल और अपेक्षित अंकों का विवरण दिया गया है।
NEET UG 2025 कट ऑफ मार्क्स सारणी
वर्ग (Category) | न्यूनतम प्रतिशत (Percentile) | अनुमानित कट ऑफ स्कोर (Out of 720) |
---|---|---|
सामान्य (General/UR) | 50 प्रतिशताइल | 720 से 137 अंक |
ओबीसी (OBC) | 40 प्रतिशताइल | 136 से 107 अंक |
अनुसूचित जाति (SC) | 40 प्रतिशताइल | 136 से 107 अंक |
अनुसूचित जनजाति (ST) | 40 प्रतिशताइल | 136 से 107 अंक |
UR-PwD (विकलांग श्रेणी) | 45 प्रतिशताइल | 136 से 121 अंक |
OBC/SC/ST – PwD | 40 प्रतिशताइल | 120 से 107 अंक |
नोट: उपरोक्त अंक अनुमानित हैं और आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार बदल सकते हैं। उम्मीदवारों को अंतिम पुष्टि के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखनी चाहिए।
नीट यूजी कट ऑफ पिछले वर्षों की तुलना में 2025 का कट ऑफ कैसा रहा?
अगर पिछले वर्षों से तुलना की जाए तो 2025 का कट ऑफ अपेक्षाकृत अधिक है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं – परीक्षा का तुलनात्मक रूप से आसान होना, परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि और सीटों की संख्या में सीमित बढ़ोतरी। कट ऑफ में यह वृद्धि दर्शाती है कि प्रतिस्पर्धा हर साल बढ़ रही है, जिससे छात्रों को बेहतर तैयारी और रणनीति की आवश्यकता होती है।
NEET UG कट ऑफ से आगे की प्रक्रिया
कट ऑफ अंक पार करने के बाद छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलता है। NEET की काउंसलिंग प्रक्रिया दो स्तरों पर होती है – AIQ (All India Quota – 15%) और State Quota (85%)। कट ऑफ अंक प्राप्त करने के बाद छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है, डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होते हैं और वरीयता सूची (choice filling) भरनी होती है।
जो छात्र कट ऑफ से ऊपर अंक लाते हैं, वे सरकारी और निजी कॉलेजों की सीटों के लिए योग्य माने जाते हैं। वहीं जो छात्र कट ऑफ से नीचे अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें दूसरे विकल्प जैसे कि B.Sc. नर्सिंग, BAMS, BHMS जैसे कोर्स पर विचार करना चाहिए।
क्या करें अगर आपका स्कोर कट ऑफ से कम है?
अगर किसी छात्र का स्कोर कट ऑफ से कम है तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है और चिकित्सा क्षेत्र में ही कई वैकल्पिक कोर्स उपलब्ध हैं जैसे कि फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, पैरामेडिकल, बायोटेक्नोलॉजी, नर्सिंग आदि। इसके अलावा छात्र अगले साल के लिए बेहतर तैयारी के साथ दोबारा प्रयास भी कर सकते हैं।