NEET UG 2025 Category Wise Cutoff : नीट यूजी परीक्षा 2025 की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि विभिन्न श्रेणियों (कैटेगरी) की कटऑफ क्या हो सकती है। नीट (NEET) भारत की सबसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्रवेश परीक्षा है, जिसके माध्यम से छात्र MBBS, BDS, AYUSH और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। हर वर्ष इस परीक्षा में लाखों छात्र भाग लेते हैं, लेकिन सीटों की संख्या सीमित होती है, जिसके कारण मेरिट और कटऑफ का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस लेख में हम नीट यूजी 2025 की संभावित श्रेणीवार कटऑफ की पूरी जानकारी देंगे, साथ ही यह समझने की कोशिश करेंगे कि कटऑफ कैसे निर्धारित होती है और किन बातों से इसका निर्धारण प्रभावित होता है।
NEET UG 2025 Category Wise Cutoff
नीट यूजी की कटऑफ विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग होती है जैसे कि जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस आदि। यह कटऑफ हर साल परीक्षा की कठिनाई, उपस्थित हुए छात्रों की संख्या, उपलब्ध सीटों की संख्या और परीक्षार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर निर्धारित की जाती है। पिछले वर्षों के ट्रेंड को देखते हुए हम नीचे दी गई टेबल में 2025 की संभावित कटऑफ प्रस्तुत कर रहे हैं:\
Table of Contents
श्रेणी (Category) | न्यूनतम पात्र अंक (%) | अपेक्षित स्कोर रेंज (2025) | सीट आरक्षण (%) |
---|---|---|---|
सामान्य (General/UR) | 50% | 715 – 135 | 0% |
ईडब्ल्यूएस (EWS) | 50% | 710 – 130 | 10% |
ओबीसी (OBC) | 40% | 130 – 115 | 27% |
अनुसूचित जाति (SC) | 40% | 125 – 105 | 15% |
अनुसूचित जनजाति (ST) | 40% | 120 – 100 | 7.5% |
दिव्यांग (PwD) | 45% (UR), 40% (Others) | 130 – 100 | शामिल आरक्षण |
नीट यूजी कटऑफ कैसे तय होती है?
नीट यूजी की कटऑफ तय करने में कुछ प्रमुख तत्व होते हैं जिन पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ध्यान देती है। परीक्षा की कठिनता, कुल प्रश्नों का स्तर, कितने छात्रों ने परीक्षा दी, और मेडिकल सीटों की कुल संख्या – ये सभी कारक कटऑफ को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, श्रेणीवार आरक्षण की नीतियाँ भी कटऑफ को अलग-अलग बनाती हैं। उदाहरण के तौर पर, सामान्य वर्ग के छात्रों को अधिक अंक लाने पड़ते हैं, वहीं ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणियों को कुछ छूट मिलती है।
नीट यूजी 2025 की तैयारी कैसे करें?
अगर आप नीट यूजी 2025 की तैयारी कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपने लक्ष्य अंक को समझिए। उदाहरण के लिए, यदि आप सामान्य वर्ग से हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट चाहते हैं, तो आपको कम से कम 630 से अधिक अंक लाने की रणनीति बनानी चाहिए। इसके लिए एनसीईआरटी की किताबों पर मजबूत पकड़ रखें, रिवीजन नियमित करें और मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन करते रहें। साथ ही, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने की आदत डालें ताकि परीक्षा के पैटर्न को बेहतर तरीके से समझ सकें।
नीट यूजी राज्यों की NEET कटऑफ अलग कैसे होती है?
कई छात्रों को यह भ्रम रहता है कि नीट यूजी की कटऑफ पूरे भारत में समान होती है, जबकि ऐसा नहीं है। ऑल इंडिया कोटा (AIQ) और स्टेट कोटा के अंतर्गत अलग-अलग कटऑफ होती है। राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए उस राज्य के डोमिसाइल छात्रों को वरीयता मिलती है। जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्यों की NEET कटऑफ अलग-अलग होती है और यह राज्य की सीटों की संख्या तथा आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या पर निर्भर करती है।
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NEET 2025 के लिए कटऑफ का महत्व क्यों है?
कटऑफ केवल एक अंक सीमा नहीं होती, बल्कि यह मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पहला द्वार होती है। छात्रों को यह पहले से जान लेना चाहिए कि उन्हें किस रैंक और स्कोर तक पहुंचना है। इससे न केवल तैयारी का फोकस तय होता है, बल्कि मनोबल भी बना रहता है। खासकर जब निजी और सरकारी कॉलेजों की फीस में बहुत बड़ा अंतर होता है, तो सरकारी कॉलेज में दाखिले की तैयारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
NEET UG 2025 Category Wise Cutoff निष्कर्ष
NEET UG 2025 के लिए श्रेणीवार कटऑफ जानना सभी छात्रों के लिए बेहद आवश्यक है, ताकि वे अपनी तैयारी उसी अनुरूप कर सकें। हर वर्ष कटऑफ में थोड़ा उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन यदि आप अपनी तैयारी ईमानदारी से और योजना के तहत करते हैं, तो सफलता पाना मुश्किल नहीं है। चाहे आप किसी भी श्रेणी से हों, कटऑफ को समझना और उस लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति बनाना ही सफलता की कुंजी है।
डिस्क्लेमर यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई संभावित कटऑफ पूर्व के वर्षों के डेटा और अनुमान के आधार पर है। वास्तविक कटऑफ राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा परीक्षा परिणाम के बाद जारी की जाएगी।